एसएल डेस्क। लखीमपुर खीरी कांड के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्टूबर को देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का एलान किया है। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान संगठनों से 12 अक्टूबर को मृतकों के अंतिम अरदास के दिन लखीमपुर खीरी कांड के घटनास्थल तिकोनिया में जुटने का आह्वान किया है जहां से आगे की रणनीति का एलान किया जाएगा। लखीमपुर खीरी कांड की जांच के लिए यूपी सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग और एसआईटी यानी विशेष जांच दल को खारिज करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग दोहराई है।
आरोपों से किया इनकार
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। किसानों को थार गाड़ी से टक्कर मारी गई थी। इसी के बाद हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी किसानों का दावा है कि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा काफिले के वाहन में सवार थे। हालांकि, आशीष और उनके पिता अजय मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है।
मुख्य आरोपी है आशीष
आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। उन्हें पुलिस ने शुक्रवार को तलब किया था लेकिन पेश नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने दोबारा नोटिस दिया है। अजय मिश्रा का कहना है कि उनके बेटे की तबीयत खराब थी इसलिए पेश नहीं हुए। अब शनिवार को पुलिस के सामने पेश होंगे।
गिरफ्तारी में पुलिस बरत रही ढिलाई
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इस मामले में कहा है कि 'आशीष मिश्रा को जारी किए गए समन के बाद भी उनका कोई अता पता नहीं है, यह बहुत चिंताजनक बात है। बयान में कहा गया है कि लखीमपुर कांड’ में शामिल सुमित जायसवाल, अंकित दास और अन्य को गिरफ्तार करने में पुलिस ढिलाई बरत रही है। जबकि थार वाहन में से सुमित जायसवाल स्पष्ट रूप से वाहन से भागते हुए दिखाई दे रहे थे।
वीडियो क्लिप आई सामने
एसकेएम ने कहा कि इसी तरह एक और वीडियो क्लिप सामने आई है जिसमें एक पुलिस अधिकारी घटना में पकड़े गए एक व्यक्ति से पूछताछ कर रहा है, जो कह रहा है कि अंकित दास काफिले के फॉर्च्यूनर वाहन में था। संयुक्त किसान मोर्चा ने आशीष, सुमित और अंकित की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की हैं। पुलिस ने अब तक जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें बनबीरपुर गांव के लवकुश और निघासन तहसील के आशीष पांडेय हैं।
नौ सदस्यीय टीम का गठन
यूपी पुलिस ने मंत्री के बेटे और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए उप महानिरीक्षक उपेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम का गठन किया है।