पोते को बचाने के लिए आदमखोर तेंदुए से भिड़ गए दादा-दादी


साईडलुक डेस्क।
श्योपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। आंगन में सो रहे पोते को रात को तेंदुआ उठाकर ले गया, लेकिन दादा-दादी को इसका पता चलने पर उन्होंने अपनी जान दांव पर लगाकर नाती को तेंदुए के मुंह से छु़ड़ा लिया। इस पूरे वाकए में दादा-दादी को भी गंभीर चोटें आई हैं। तेंदुए के हमले में दादा-दादी और नाती तीनों घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके इस बहादुरी भरे कारनामे की हर चर्चा हो रही है।

पोते को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ा दादा-दादी श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क के पास बसे मोरावन के धुरा गांव में मंगलवार को जय सिंह गुर्जर, अपनी पत्नी बसंती बाई और एक वर्षीय नाती के साथ आंगन में खटिया बिछाकर सो रहे थे, तभी रात को कहीं से तेंदुआ आ गया। अचानक उन्होंने अपने 1 साल के पोते बॉबी के चीखने की आवाज सुनी। ये सुनकर दोनों उठे तो उनके होश उड़ गए। बच्चे को तेंदुए ने अपने जबड़ों में दबा रखा था। वह उसे खींचकर ले जाने की कोशिश कर रहा था। जय सिंह और उनकी पत्नी ने हिम्मत करके तेंदुए पर हमला बोल दिया। जय सिंह ने तेंदुए को गले से पकड़ लिया और बसंती ने उसके मुंह पर मारकर बच्चे को निकाल लिया। खुद पर हुए अचानक हमले से तेंदुआ भी हड़बड़ा गया। उसने दोनों पर हमला कर दिया। चीख पुकार सुनकर घर में लेटे अन्य परिजन भी आ गए और गांव के अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए। जब आस-पास के लोगों को रोने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी, वह लाठियां लेकर दौ़ड़े और उन्होंने तेंदुए को भगाया। पोते को बचाते समय जय सिंह और बसंती देवी को कई जगह पर तेंदुए ने काट भी लिया। पोते को बचाते समय तेंदुए के हमले में जय सिंह का पैर बुरी तरह जख्मी हो गया। एक साल के बच्चे के पैर में भी गंभीर चोट आई है। तेंदुए के हमले से घायल हुए तीनों को लोगों का इलाज कराहल अस्पताल में चल रहा है। इस घटना के बाद गांव में डर का माहौल पैदा हो गया। इस वजह से ग्रामीण रातभर सोए नहीं और हाथों में लाठियां लेकर रखवाली करते रहे।