साईडलुक, डेस्क। पंजशीर से अब तक विरोध का सामना कर रहे तालिबान ने अचानक शनिवार देर शाम नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद के तालिबान से समझौता कर लेने का ऐलान कर दिया। तालिबानी नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने ये दावा किया कि अहमद मसूद ने तालिबान से समझौता कर उसके प्रति अपनी निष्ठा का आश्वासन दे दिया है। लेकिन कुछ देर बाद अहमद मसूद की तरफ से पंजशीर के ट्विटर हैंडल पर सफाई आई कि अभी तालिबान से बातचीत चल रही है। अहमद मसूद की तरफ से तालिबानी दावे पर कहा गया कि वो तालिबान के साथ एक व्यापक सरकार गठन पर बातचीत कर रहे हैं और अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि जो नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट अभी तक तालिबान से सिर्फ और सिर्फ लड़ने और उसे रोकने की कसमे खाता था वो भी अब तालिबान के साथ इस बार बातचीत की मेज़ पर आ गया है। इस बीच दिलचस्प बात ये भी है कि वो अमरुल्लाह सालेह जिनकी तालिबान से दुश्मनी पुरानी है उन्होंने अब तक तालिबान के दावे पे कुछ नहीं कहा। कयास लगाए जा रहे थे कि काबुल पर तालिबानी कब्ज़े के बाद सालेह पंजशीर में हीं मौजूद हैं और नहीं से खुद के राष्ट्रपति होने का भी दावा किया और ट्वीट के ज़रिए तालिबान को चुनौती देने का भी।