पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी राज्यों में तेज़ी से बढ़ता जा रहा कोरोना, स्थति चिन्ताजनक

 

साईडलुक डेस्क। देश के पांच राज्‍यों में चुनाव प्रक्रिया आधी से अधिक खत्‍म हो चुकी है, बीते करीब 15 दिनों में यहां कोरोना के पॉजिटिव मामलों में करीब दोगुनी वृद्धि हुई है। पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्‍यों में तो चुनाव आयोग की ओर से वोटिंग की तारीख घोषित किए जाने के पहले ही चुनाव प्रचार शुरू हो गया था। चुनाव आयोग की ओर से तारीखें घोषित होने के बाद जोरशोर से प्रचार शुरू हुआ और इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती भी देखीं गई। यही कारण है कि पिछले 14 दिनों में लगातार कोरोना के केसों में इजाफा देखा गया है। सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्‍य पश्चिम बंगाल है जहां 378 फीसदी चेंज हुआ है। यहां कोरोना के केसों की संख्‍या 30,230 तक पहुंच गई है। राज्‍य में आठ चरणों में चुनाव होने हैं जिसका आखिरी और अंतिम दौर 27 अप्रैल को खत्‍म होगा। चुनाव आयोग पोलिंग सेंटर्स में पूरी ऐहतियात बरत रहा है। शरीर का तापमान लिया जा रहा है, हैंड सेनेटाइजर भी उपलब्‍ध कराया गया है और वोटरों के बीच सोशल डिस्‍टेसिंग का पालन कराया जा रहा है। लेकिन प्रयार के दौरान न तो पार्टियां और न ही नेता और उनके समर्थक, कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते नजर आए हैं। कोरोना संकट की विकरालता को आंकते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि जो प्रत्‍याशी और स्‍टार चुनाव प्रचारक कोविड-19 सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करेंगे उनके प्रचार पर बैन लगाया जा सकता है। वैसे यह अलग बात है कि आयोग की ओर ये यह घोषणा ऐसे समय आई है जब चुनाव की आधी से अधिक प्रक्रिेया पूरी हो चुकी है। कोरोना केसों के मामले में अन्‍य राज्‍यों की स्थिति भी बंगाल से बहुत ज्‍यादा अलग नहीं है। असम में केसों में 331% इजाफा देखा गया है। तमिलनाडु में भी कोरोना केसों में 173 फीसदी इजाफा हुआ है। यूटी पुदुच्‍चेरी में पिछले 14 दिनों में केस 173 फीसदी की रफ्तार से बढ़े हैं। दक्षिण के राज्‍य केरल में पिछले 14 दिनों में नए केसों में 84 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जिसको देखते हुए स्थति चिन्ताजनक बनती जा रही है।