24 घंटे लाशें जलने से सूरत में पिघल गईं श्मशान की भट्टियां


साईडलुक डेस्क।
गुजरात में कोरोना के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए चिता की भट्टी भी पिघल गई हैं। रामनाथ घेला, अश्वनीकुमार और जहांगीरपुरा श्मशान घर नाम के इन तीनों स्थानों पर 24 घंटे शवों की अंतिम क्रिया की जा रही है। पिछले 8-10 दिनों से लगातार लाशें आ रही हैं। शव वाहिनी भी खाली नहीं होती है। ऐसे में कई बार लोग प्राइवेट वाहनों में भी लाश लेकर अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं।  पूरे जिले के श्मशान घाटों पर लाशों के अंबार लग गए हैं। दाह संस्कार के लिए कई आधुनिक तौर तरीके अपनाने पड़ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि चौबीसों घंटे श्मशान स्थल पर दाह संस्कार करने वाली गैस की भट्टियां चालू रहती हैं। इस वजह से भट्टी की ग्रिल तक पिघल गई हैं।