शराब चीज़ ही ऐसी है, ना छोड़ी जाये ! 


साईडलुक डेस्क। सत्ताधीशो की स्वार्थ परक नीति ही कहेंगे के एक तरफ से जनता जनार्दन से लॉकडाउन का पालन करने घर पर रहे सुरक्षित रहे की बात कही जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ शराब दुकानों को खोलकर कोरोना महामारी को और बढ़ावा दे दिया गया। इस विषम परिस्थिति में राजस्व की भूख पूरी करने आमजन की जान को जोखिम में डालने का कार्य सत्ताधारियो ने कर दिया हैं। ऐसे में एक प्रश्न ये भी उठता हैं, कीे रोजी-रोटी भुखमरी की बात करने वाले, शासकीय योजना का गरीबी रेखा कार्ड, बी. पी. एल कार्ड धारी आखिर लम्बी कतारों में लग कर नियम कानून को ताक पर रख महंगी शराब कैसे पी रहे हैं स्पस्ट हैं! राजनितिक जुगाड़ और शासकीय भ्रष्टाचरी के सम्मिश्रण का ही ये परिणाम हैं ?