हर शाख पर उल्लू बैठे हैं, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा ?

सिर्फ बैनर पोस्टर तक सीमित शहर का विकास ?



नवनीत दुबे। जबलपुर वर्तमान में नगर सत्ता भाजपा की है। सर्वविदित है हालांकि लंबे समय से संस्कारधानी जबलपुर में भाजपा की ही नगर सत्ता सिंहासन पर आसीन है। लेकिन बात अभी वर्तमान में स्थापित सत्ता की है। जिसमें महापौर डॉ स्वाति सदानंद गोडबोले हैं, गौरतलब है मैडम की सत्ता आते ही शहर को स्मार्ट सिटी की सौगात मिली जिससे इनका कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया और हर शहरवासी के हृदय में खुशियों की हिल्लोरे प्रफुल्लत भाव से अपने उत्साह को दर्शा रही थी कि जबलपुर शहर अब स्मार्ट सिटी बन जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य ही कहेंगे कि यह स्वर्णिम स्वप्न भी भ्रष्टाचार कमीशन खोरी भाई भतीजावाद की भेंट चढ़ गया हालांकि स्मार्ट सिटी के नाम पर जो दृष्टिगत हो रहा है। वह मानस भवन स्थित सर्व सुविधा युक्त ऑफिस जहां अधिकारी लग्जरी गाड़ियों और सुविधाओं का जी भर के आनंद उठा रहेह व हींद सरीओर ाहर और बड़े बड़े होर्डिग पोस्टरो से सुसजि त हैल किनव ास्तविकताक धि राप र हकीकत अपनी बदहाली बयां कर रही है। विदित हो कि स्वछ ता के नाम पर भी सिर्फ ऊलजलूल खर्च किया जा रहा है। जिसने कमीशन खोरी का खेल बदस्तूर जारी हैघ् सिलसिलेवार बात की जाए तो दास्तां कुछ यूं बयां होती है। पहले सीवर लाइन पर आतेहैं जिसका कार्य तत्कालीन महापौर प्रभात साहू के समय से चल रहा है औरत बसल करव र्तमानम हापौर श्रीमती गोडबोले के कार्यकाल में भी जारी है। लेकिन हाय री विडंबना मैडम का कार्यकाल भी चंद दिनों में समाप्त हो जाएगा क्योंकि पुनः निकाय चुनाव होने वाले हैं। शहर का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि शहर विकास एवं व्यवस्थाए व शहर हित की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जिम्मेदारों को शहर हित की बजाय निज हित से वादा सरोकार है। इसी की वानगी है कि सीवर कार्य इतने वर्षों में भी पूर्ण नहीं हो पाया और सीवर के नाम पर प्रमुख मार्ग जीर्ण शीर्ण अवस्था में खुदे पड़े हैं अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कमीशन खोरी भ्रष्टाचार के चलते सीवर कार्य पूर्णता को प्राप्त नहीं कर पा रहा है। अब बात आती है स्वछ ता अभियान की तो सर्वविदित है सफई व्यवस्था का आलम क्या है स्वछ ता के नाम पर बड़े बड़े आयोजनों में अंधाधुन राशि खर्च हो रही है। नामी गिरामी होटलों में पार्टियों की जा रही हैं और दबाकर लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया जा रहा है और दिखावा स्वरूप बड़े.बड़े फ्लेक्स और चार पहिया वाहनों में एलईडीव ॉलल गाकरस वछ ताक प्रति जागरूक किया जा रहा है और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी व एमआईसी सिर्फकमीशन के नोटों को सफई से गिन रहे हैं और रही जमीनी स्तर पर सफई स्वछ ता की बात से तो मोदी जी की तर्ज पर साफसुथरे परिधान में सज धज कर झाडू पकड़ लेंगे और फोटो खिंचवा कर खुद को स्वछ ता के प्रति सजग दिखा देंगे अब बात आती है। सड़कों की तो स्पष्ट है भ्रष्टाचार की गिट्टी सीमेंट रेत से कैसी सड़कें बनेंगी सर्वविदित है। शहर के प्रमुख मार्ग चीख चीख कर अपनी वेदना व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई सरोकार नहीं वह जानते हैं कि जनता तो मूर्ख है। आश्वासन देने से मान जाएगी और रही बात बदहाल सड़कों को सुधारने की तो कोई वरिष्ठ मंत्री का काफिला जब वहां से निकलेगा तो डामर गिट्टी भरवा देंगे एक दिन की तो बात है और इस कार्य में भी लाखों रुपए का ठेका देकर इनका कमीशन तो भरपूर बन ही जाएगाए हास्यास्पद ही है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने 1 वर्ष हुआ है ऐसे में नगर सत्ता राजनीतिक आंसू बहा कर यह कह रही है कि प्रदेश सरकार से ने मदद नहीं मिल रही है। अरे मैडम जी 4 साल तक जो मुंह मांगी धनराशि शहर विकास के लिए मिली उसको क्या निजी कार्य में लगा लिया यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि नगर सत्ता के जिम्मेदारों की अगर लोकायुक्त जांच हो तो जो सामने आएगा वह हतप्रभ करने वाला होगा वहीं निगम के बाबू से लेकर अधिकारियों की लोकायुक्त द्वारा निष्पक्ष जांच हो तो सारे चेहरे बेनकाब हो जाएंगे और नगर पालिका निगम जबलपुर धन कुबेर भगवान के रूप में दृष्टिगत होगा और रही शहर विकास और स्मार्ट सिटी की बात तो यह कहना गलत नहीं होगा कि हर शाख पर उल्लू बैठे हैं अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा।