भारत तेरे टुकड़े होंगे अफजल हम शर्मिदा पाकिस्तान जिंदाबाद और भी न जाने कितने देश विरोधी नारे जो हर सच हिंदुस्तानी के ह्रदय को आघात पहुंचाते हैं और मन मस्तिष्क को झकझोर कर रख देते हैंए और यह गद्दारी भरे नारे कोई और नहीं मातृभूमि की माटी में पले बढ़े हुए युवा लगा रहे हैं जो हिंदुस्तान का भविष्य कहे जा जाते हैं! चिंतनीय है कि देश का भविष्य अगर ऐसा है तो भारत माता की अस्मिता यह कपूत ही तार तार कर भारत मां को असहनीय वेदना दे रहे हैं जेएनयू अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जामिया यूनिवर्सिटी में शासकीय सुविधाओं के बीच अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं के दिल दिमाग में देश के प्रति ऐसी हीन भावना के बीज आज अब शनै शनै विशाल वृक्ष का रूप रखते जा रहे हैं गौरतलब है जब से सीएए और एन आरसी की बात चली तब से यहां के छात्रों ने शिक्षा के मंदिर को हिंसा की रणभूमि का रूप दे दिया और कुकुर हिंसक प्रदर्शन करना शुरू कर दिया ऐसा कतई नहीं है कि यहां पढ़नेवालाह रछ त्रिद श िवरोधी बयान बाजी करता है लेकिन चंद मुट्ठीभर छात्र नेता जो खुद को यहां का सर्वे सर्वा मानते हैं और अपने नियम शर्तों के आधार पर इन विश्वविद्यालयों का संचालन चाहते हैं इन्हीं गद्दारों के मकड़जाल में फंसकर युवा छात्र भटक रहे हैं दुर्भाग्य ही कहेंगे कि जामिया जेएनयू अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देश की नीतियों का विरोध और दुश्मन आतंकी मुल्क पाकिस्तान का गुणगान हिमायत का प्रदर्शन किया जा रहा है वह पीठ पर जहर भरा छुरा चलाने जैसा हैघ् जो युवा छात्र नेता मुस्लिम मुस्लिम हित की लड़ाई का राग अलाप कर युवाओं को भड़काने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैंशायद वह यह भूल गए हैं कि आप पाकिस्तान सरकार से वहां की नागरिकता मांग कर देखिए आपको घुसने दे दिया जाए। तब बोलिएगा आप की हिमायत हमदर्दी के मुंह पर खड़ी लात पड़ेगीखेर सत्य सर्वविदित है भ्रम में जीना जाहिलो की पहचान है
हमारे सब्र की इतेहा मत लो
हाल ही में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक छात्र नेता जो पूर्व अध्यक्ष भी है |उसका जो बयान आया या यह कह समुदाय विशेष के युवाओं को हिंसा की आग लगाने का आवाहन किया मैं बेहद शर्मनाक है इस भटके हुए छात्र नेता का कहना है समुदाय विशेष लंबे अरसे से सब्र धारणक रबठाह अऔरइ नका इतिहास उठाकर देख लो अगर सब्र जो टूटा तो यह अपनी ताकत दिखा देंगे और हिंदुस्तान की तस्वीर तकदीर बदल कर रख देंगे अर्थात देश के हर कोने में आग लगा देंगे हास्यास्पद ही कहेंगे मियां जी लगता सांसद विधायक बनने का ख्वाब देख बैठे हैं और युवाओं को बहका कर खुद को उनका मसीहा बता रहे हैं उमिया जी यह भूल बैठे अगर भूल से भी इन्होंने अपनी हिंसक प्रवति को अंजाम देने का सोचा तो पुलिस वालों के डंडे में आजभ ीत ला पलायाज तिाह क हां कहां बरसेगा मियां जी सपने में भी नहीं सोचा होंगे क्या केंद्र सरकार ने सीएए पूर्णता लागू कर दिया है हम घुसपैठियों के हमदर्द हो की तसरीफ में आग लगे तो क्या किया जा सकता हैए गौरतलब यह भी है कि वतन परस्त समुदाय विशेष को लोग ऐसे भड़काऊ भाषण वीरों की मुंह बजी से खुद को लजि त महसूस कर रहे हैं
कहां से आई शाहीन बाग में भीड़
दिल्ली का शाहीन बाग इन दिनों महिलाओं बचों के भारी हुजूम से भरा पड़ा है कारण नागरिक संशोधन |बिल और एनआरसी का विरोध अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर इतनी भीड़ आई कहां से वह भी इतनी महिलाएं और बच और इनकी नित्य |क्रिया भोजन पानी की व्यवस्था कहां से हो रही है हैरत करने वाली बात यह है कि समुदाय विशेष की जो महिलाएं बुजुर्ग बच प्रदर्शन कर रहे __ उन्हें नागरिक संशोधन बिल और एनआरसी की विषय में दूर.दूर तक अता पता नहीं है उनके दिल दिमाग में बस एक बार डाल दी गई है कि मोदी और अमित शाह इन के दुश्मन है इन्हें मारना चाहते हैं और इन्हें देश से भगाना चाहते हैं यही फर्क होता है शिक्षित और अशिक्षित में क्योंकि शिक्षित अपनी सोच समय से समझता है और अशिक्षित दूसरे की सुसंगत का शिकार बने गड्ढे में गिरता है आशय है आप समझ ही गए होंगे मुद्दे की बात यह है कि आखिर देश को हिंसा की आग में जलाने के पीछे वह कौन सा शहर है जो समुदाय विशेष को कुर्बानी का बकरा बना कर अपनी सत्ता की सीढ़ी का रास्ता बनाने का मिथ्या स्वपन देख रहे हैं हालात देखकर कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा है की ऐसा ना हो केंद्र सरकार कोई कठोर कदम उठा ले और आजादी... आजादी...आजादी... चिल्लाने वाले वाकई कारागार पहुंच कर जमानत अर्थात आजादी की गुहार लगाके उन सियासत दारों को कोसे जिनकी बातो में आकर उनका ये हाल हुआ